बिहार के जाने-माने शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ. उत्पल कांत सिंह का गुरुवार को निधन हो गया। वे 71 साल के थे। पटना में उनकी गिनती शीर्ष शिशु रोग विशेषज्ञों में होती थी। उनका जन्म पटना के बिहटा के अमहारा में हुआ था। पटना के राजेंद्रनगर में (रोड नंबर 8) में उनका मकान है। उनके निधन पर राज्यभर में शोक की लहर छा गई है।
डॉ. उत्पल कांत लंबे समय से कैंसर से पीड़ित थे। दिल्ली के मेदांता अस्पताल में उनका इलाज चल रहा था। वहीं उन्होंने अंतिम सांस ली। डॉ. उत्पल कांत के बेटे सिद्धार्थ कुमार सिंह पटना के बिक्रम से कांग्रेस के विधायक हैं।
डॉ. उत्पल कांत ने पटना के PMCH से MBBS की पढ़ाई की थी। बाद में वे पढ़ाई के लिए इंगलैंड गए। उन्होंने लंदन में MD, PHD और FRCP की डिग्री हासिल की। इसके बाद उन्होंने अमेरिका से FIAP और FCCP की डिग्री ली। काम का क्षेत्र उन्होंने अपने देश को ही चुना। वे NMCH में प्रोफेसर बने, बाद में उन्होंने VRS ले लिया और पटना में ही प्रैक्टिस करने लगे। जल्द ही लोग उनकी चिकित्सा के कायल हो गए। बिहार के कोने-कोने से लोग अपने बच्चों का इलाज कराने उनके पास पहुंचने लगे।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने डॉ. उत्पल कांत के निधन पर गहरी शोक संवेदना व्यक्त की है। अपने शोक संदेश में उन्होंने कहा है कि उत्पल कांत प्रख्यात शिशु रोग विशेषज्ञ थे। उनसे हमारा व्यक्तिगत संबंध था। उनके निधन से मुझे काफी दुख पहुंचा है। उनका निधन चिकित्सकीय क्षेत्र के लिए अपूर्णनीय क्षति है।

डॉ. उत्पल के निधन पर शोक व्यक्त करते हुए पूर्व मंत्री व विधान पार्षद नीरज कुमार ने कहा कि यह हमारे लिए आत्मिक कष्टप्रद है। ये न सिर्फ प्रदेश के गौरव थे अपितु हमारे पारिवारिक सदस्य थे। उन्होंने कहा कि इनका निधन चिकित्सा क्षेत्र एवं निजी तौर पर हमारे लिए भी अपूरणीय क्षति है। डॉ. कांत के निधन पर समाजसेवी और और सामाजिक संस्थान सोपान के सचिव सूरज सिन्हा ने गहरी संवेदना प्रकट की है।

