● एक सप्ताह में निजी शिक्षकों पर विचार न करने पर बड़े जनांदोलन की होगी तैयारी : प्लुरल्स पार्टी।
मुज़फ्फरपुर : कोरोना महामारी के कारण गत मार्च महीने से यानी कि विगत 9 महीनों से सभी शैक्षणिक संस्थानों के बंद होने की वजह से निजी शिक्षकों की हालत काफी दयनीय हो गई है। कोचिंग संचालक, स्कूल संचालक या शैक्षणिक सस्थानों में पढ़ाने वाले निजी शिक्षकों की आर्थिक स्थिति काफी खराब हो चुकी है। कई महीनों से शिक्षकों ने रूम रेंट नहीं दिया, तो वही हज़ारों शिक्षकों को निजी फाइनेंस कंपनी वाले EMI भरने के लिए लगातार प्रताड़ित कर रहे हैं। वहीं कई शिक्षकों का कहना है कि पैसों की अभाव में वे अपने घर के बीमार सदस्यों का ठीक से इलाज भी नहीं करा पा रहे। यूं कहें कि किसी प्रकार से घर का खर्च बस चलता जा रहा है।
वही सरकार का निजी शिक्षकों के प्रति किसी प्रकार का कोई झुकाव अब तक नजर नहीं आया है। करोना महामारी के बाद से हुए लॉकडाउन के बाद अब लगभग हर क्षेत्र में परिस्थिति सुधरते नजर आ रही है। परंतु शैक्षणिक संस्थानों के अब तक बंद होने की वजह से निजी शिक्षकों की हालत काफी खराब हो गई है।
तंग आकर निजी शिक्षकों ने अब आंदोलन का रास्ता अपनाया है। मुजफ्फरपुर सहित बिहार राज्य के कई जिलों में निजी शिक्षकों ने पैदल मार्च, धरना प्रदर्शन आदि करते हुए सरकार का ध्यान अपनी ओर आकर्षित करने का पूरा प्रयास किया है। परंतु अब तक सफलता हासिल करने में निजी शिक्षक असमर्थ रहे हैं।

शिक्षकों तरीके के समस्याओं से जूझते हुए देख द प्लुरल्स पार्टी ने शिक्षकों के इस आंदोलन में साथ देने का निश्चय किया हैं। पार्टी के नेता अभिषेक कुमार का कहना है कि शिक्षक जिन पर समाज का भविष्य निर्धारित होता हैं आज का ही अपना वर्तमान खतरे में है। और ऐसे परिस्थिति में सरकार का निजी शिक्षकों के प्रति ऐसा रुख वाकई आश्चर्य चकित करता हैं।
इसी कड़ी ने पार्टी के नेता कुमार ललित ने कहा “यूं तो शिक्षक लगातार आंदोलन करते हुए अपने हक की मांग कर रहे हैं। पर आज द प्लुरल्स पार्टी सरकार से यह अपील करती है कि आने वाले एक सप्ताह के अंदर निजी शिक्षकों के समस्याओं को देखते हुए किसी समाधान के तरफ सरकार बढ़े। अन्यथा 7 दिन के बाद निजी शिक्षकों के मांगों को लेकर निश्चित तौर पर द प्लुरल्स पार्टी एक बड़ा जन आंदोलन करेगी। पार्टी नेता सौरभ श्रीवास्तव ने कहा सरकार इसे पार्टी की ओर से एक चेतावनी भी समझ सकती है।
ज्ञात हो शिक्षकों के प्रति सरकार की अनदेखी की वजह से आज बिहार राज्य के लाखों परिवार प्रभावित है। वाकई निजी शिक्षको के लिए यह एक बड़ा संघर्ष का दौर चल रहा हैं।
पार्टी की ओर से गौरव कुमार ने जानकारी देते हुए आगे कहा कि हर जिला में पार्टी की ओर निजी शिक्षकों के साथ जल्द से जल्द बैठक करते हुए आगे की योजना भी बनाई जाएगी।


