चीन के सरकारी अखबार ग्लोबल टाइम्स ने एक कार्टून बनाते हुए हाल ही में हुए जी-7 शिखर सम्मेलन की तस्वीर अपने ट्विटर अकाउंट से साझा की है। जिसमें शामिल हर देश को एक जानवर का रूप दे कर दिखाया गया हैं। बरहाल इसमें भारत को गजराज के रूप में दिखाया गया, जिस बात से शायद ही किसी देशवासियों को आपत्ति हो। क्योंकि हम सभी गजराज यानी की हाथी को पूजते हैं, परंतु इस कार्टून में गजराज को दिखाने का उद्देश्य भारतीय अर्थव्यवस्था से है। हमारे देश की अर्थव्यवस्था हाथी की तरह धीमी चाल में आगे बढ़ता हैं। इस वजह से हमारे अर्थव्यवस्था का प्रतीक हाथी ही है परंतु चाइनीस कार्टून में दिखाया गया है कि हाथी के पीछे एक ऑक्सीजन सिलेंडर लगा है साथ ही साथ हाथी को गोमूत्र एवं गंगाजल चढ़ाया जा रहा है। चुकी भारत देश सनातनी बहुल देश है और गोमूत्र एवं गंगाजल का मूल्यांकन सनातन धर्म की पवित्र चीजों की तौर पर किया जाता हैं।
इस तरह के कार्टून को दिखाकर चीन ने ना सिर्फ भारत को नीचा दिखाने की कोशिश की है बल्कि सनातन धर्म की आस्था पर भी गहरा चोट पहुंचाया है। हालांकि इस पूरी तस्वीर को यदि आप ध्यान से देखें तो लिओनार्दो दा विंची द्वारा ईसाई धर्म के पन्थ के प्रवर्तक “यीशु” से संबंधित बनाई गई एक तस्वीर के आधार पर इस कार्टून को बनाया गया हैं।
ज्ञात हो कि जी-7 सम्मेलन में सदस्य देशों के नेता यूएस के राष्ट्रपति जो बाइडेन के अगुवाई में ब्रिटेन में एकत्रित हुए थे। जहां करोना महामारी एवं अन्य वैश्विक मुद्दों को देखते हुए चीन के खिलाफ सभी देशों ने सख्त रूख अपनाने का निर्णय लिया।
अमेरिकी राष्ट्रपति ने यहां तक कहा कि सभी देश चीन के साथ प्रतिस्पर्धा करें।

जिसके बाद अपने देश के सरकारी अखबार ग्लोबल टाइम्स के माध्यम से चीन ने पलटवार करते हुए यह कार्टून पेश किया है। जिसमें सभी देशों का चीन ने मजाक उड़ाया है परंतु भारत के अर्थव्यवस्था एवं धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने के लिए चीन ने इस कार्टून के माध्यम से भरपूर प्रयास किया है।

