स्मार्ट मीटर एक घोटाला है; किसको कितना पैसा जा रहा सब पता हैं। मुंह खोला तो मचेगा बवाल : सुरेश कुमार

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मुजफ्फरपुर /19/05/2023 (शुक्रवार): नगर में स्मार्ट मीटर लगने के बाद आम जनों को काफी समस्याओं का सामना करना पर रहा हैं। मीटर तेजी से बढ़ने की समस्या, बिलजी बिल ज्यादा लगने की समस्या, अचानक से बिजली कट जाने की समस्या तो कहीं लोग रिचार्ज होने के बाद भी बिजली नहीं आने की समस्या से परेशान हैं। आम जनों में इस समस्या को लेकर काफी आक्रोश हैं। लोग इन मुद्दों को लेकर लगातार सरकार से गुहार लगा रहे हैं तो वही कुछ लोग लगातार बिजली ऑफिस का चक्कर लगा परेशान हो रहे हैं।
वहीं मुजफ्फरपुर की जनता की इस गंभीर समस्या के खिलाफ आवाज़ मुजफ्फरपुर के पूर्व महापौर एवं भाजपा नेता सुरेश कुमार बड़ी गंभीरता के साथ लगातार उठा रहे हैं। उक्त मामले को लेकर बिहार दस्तक के टीम से लोकेश पुष्कर ने सुरेश कुमार से खास बातचीत की। इस खास बातचीत में सुरेश कुमार ने बिजली विभाग पर गंभीर आरोप लगाए हैं।

स्मार्ट मीटर कोई प्रीपेड मीटर नहीं बल्कि घोटाला हैं : सुरेश कुमार
बिहार दस्तक संवाददाता लोकेश पुष्कर से खास बातचीत में सुरेश कुमार ने बताया कि स्मार्ट मीटर को लगाने का आदेश किसी ने नहीं दिया, जिलाधिकारी एवं अन्य सम्बंधित अधिकारीयों लगातार पूछे जाने के बावजूद भी अब तक क्यों नहीं बताया गया कि स्मार्ट मीटर को लगाने का आदेश कहां से पारित किया गया है। अतः मुजफ्फरपुर के लोगों पर जबरदस्ती थोपा जाने वाला यह स्मार्ट मीटर एक घोटाला प्रतीत होता हैं।

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सुरेश कुमार ने आगे बताया कि मुजफ्फरपुर की जनता इससे परेशान हो चुकी है। इसे स्मार्ट मीटर नहीं धोखा मीटर का चोर मीटर कह सकते हैं।

स्मार्ट मीटर के माध्यम से जनता की कमाई को बर्बाद किया जा रहा हैं।
पूर्व महापौर ने कहा कि पुराने मीटर में आखिर क्या समस्या आ रही थी। सरकार को यह स्पष्ट करना चाहिए कि आखिर ऐसी कौन सी समस्या आ गई कि मीटर को बदलने की नौबत आ गई। सुरेश कुमार ने कहा कि नई तकनीकों के साथ में महंगाई घटती हैं, परन्तु इस नए स्मार्ट मीटर के माध्यम से जनता की कमाई पर चोट किया जा रहा है। सरकार की पहल महंगाई को घटाने को लेकर होनी चाहिए, स्मार्ट मीटर के माध्यम से हर वर्ग के लोग महंगाई की दंश को झेलने पर मजबूर हो जायेंगे।

नगर के बुद्धिजीवी वर्ग एक होकर स्मार्ट मीटर के खिलाफ करेंगे जन आंदोलन।
सुरेश कुमार ने बताया कि आम लोगों ने शिकायत की है कि बिजली विभाग और प्रशासन की मदद लेते हुए लोगों के घर में जबरदस्ती स्मार्ट मीटर लगा रहा है। सुरेश कुमार ने बताया की आम नागरिकों को प्रभावित करने वाली इस गंभीर समस्या को लेकर मुजफ्फरपुर के लोग एकत्रित हो रहे हैं, और यदि जरूरत पड़ी तो सभी मिलकर इसके खिलाफ एक बड़ा जन आंदोलन करेंगे।
वही खास बिहार दस्तक को सुरेश कुमार ने बताया कि इस समस्या को लेकर जरूरत पड़ने पर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से भी वे मुलाकात कर सकते हैं।

खुद को गरीबों का नेता कहने वाले विजेंद्र को भी नहीं दिख रहा गरीबों का दर्द।
पूर्व महापौर ने नगर विधायक पर निशाना साधते हुए विजेंदर चौधरी को नगर विधायक नहीं बल्कि निगम विधायक बताया। पूर्व महापौर ने कहा कि खुद को गरीबों का मसीहा है हम गरीबों का नेता बताने वाले विजेंद्र चौधरी भी गरीबों के इस दर्द को अनदेखा कर रहे हैं। सुरेश कुमार ने विजेंद्र चौधरी के बयान को दुर्भाग्यपूर्ण बताया। पूर्व में नगर विधायक विजेंद्र चौधरी ने मीडिया में बयान दिया था कि स्मार्ट मीटर लगने से बिजली की चोरी रुकेगी। परंतु उनके इसी बयान को आधार बनाकर पूर्व महापौर विजेंद्र चौधरी को घेरते हुए कह रहे हैं स्मार्ट मीटर लगाने वाली बिजली विभाग ही चोरी कर रही है और भला इस चोरी को कौन रोकेगा?

उक्त मामले में पूर्व महापौर ने मुजफ्फरपुर के सांसद को भी घेरते हुए कहा कि उन्हें जनप्रतिनिधि होने के तौर पर इस गंभीर समस्या पर मुजफ्फरपुर की जनता के लिए कोई निदान निकालने हेतु प्रयास करना चाहिए। पूर्व महापौर ने कहा कि एक इतना दुर्भाग्यपूर्ण है कि स्मार्ट मीटर को बिहार के सिर्फ मुजफ्फरपुर जिले में ही लगाया जा रहा है। और यहां के जनप्रतिनिधि अब भी इस गंभीर समस्या को अनदेखा कर रहे हैं।

पुरानी मीटर और नए मीटर की एक साथ होनी चाहिए जांच।
पूर्व महापौर ने बताया कि मुजफ्फरपुर की जनता शुरुआत के दौर से ही बिजली विभाग के दंश को झेल रही है। पहले एस्सेल की वजह से लोग काफी परेशान रहते, और अब यह स्मार्ट मीटर का दंश लोगों को झेलना पड़ रहा है।
पूर्व महापौर ने कहा कि अधिकारियों कोई समस्या को गंभीरता से लेना चाहिए। किसी के कार्यालय में दोनों ही मीटर का इंस्टॉलेशन हो और 1 महीने में उठने वाले बिजली यूनिट को मिलाकर दोनों के अंदर को देखकर अधिकारियों को एक उचित फैसला करना चाहिए।

आखिर किसके आदेश से लग रहा है क्या स्मार्ट मीटर, क्यों चुप्पी साधे हैं अधिकारी।
पूर्व महापौर ने बिहार सरकार पर में आरोप लगाते हुए गंभीर प्रश्न उठाया कि आखिर किसके आदेश से मुजफ्फरपुर में स्मार्ट मीटर का इंस्टॉलेशन कराया जा रहा है। लगातार अधिकारी एवं जिलाधिकारी से पूछने पर भी इसका कोई जवाब नहीं दिया जा रहा है। पूर्व महापौर ने कहा अनेकों माध्यम से पूछे जाने के बावजूद अभी तक या ज्ञात नहीं हो पाया है कि बिजली विभाग किस की परमिशन और किसके आदेश के साथ मुजफ्फरपुर में स्मार्ट मीटर लगा रही है। आखिरी स्मार्ट मीटर लगाने की चर्चा तो सरकार के द्वारा क्यों नहीं की गई।

स्मार्ट मीटर एक घोटाला है, पोल खोल दूँ तो बवाल मच जायेगा।
उन्होंने बताया कि सरकार के बिना अनुमति या तो जबरदस्ती मुजफ्फरपुर में लगाया जा रहा है, जिस से संबंधित कई जानकारियां मेरे पास आई हैं। कितना पैसा किसके किसके घर जा रहा है, किसका कितना हिस्सा है सब की जानकारी मेरे पास आ रही है। यदि मुंह खोल दिया तो बवाल मच जायेगा।

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